दोस्तों बीते शनिवार के दिन अमेरिका ने भारत के 19 कंपनियों को बैन कर दिया। अमेरिका ने इसके पीछे रूस यूक्रेन का युद्ध में डिफेंस से जुड़ी सामान उपलब्ध कराने का आरोप लगाया। हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत रूस को आर्थिक रूप से मदद करने के साथ-साथ हथियार भी मुहैया करवा रहा है, जिसको लेकर अमेरिका बहुत चिंतित था। अमेरिका ने पहले ही सोच लिया था कि भारत को एक ऐसा मित्र के रूप में देखना सही नहीं है लिए पूरी कहानी को विस्तार से समझते हैं।
अमेरिका ने 19 भारतीय कंपनियों को क्यों प्रतिबंधित किया ?
भारत के 19 कंपनियों ने रूस को डिफेंस से जुड़ा सामान मुहैया कराने का आरोप लगाते हुए अमेरिका ने इस पर पाबंदी लगा दी है। अर्थात अमेरिका ने 19 भारतीय कंपनी पर रस को डिफेंस से जुड़ा सामान उपलब्ध कराए जाने के आरोप में उसे पर बैन लगा दी है। हालांकि इस फैसले पर भारत ने चिंता व्यक्त की है और अपनी सफाई में भी कहा है कि हमने भारतीय कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों की रिपोर्ट देखी है हम डिफेंस एक्सपर्ट से जुड़े मामले में UNSC के नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करते हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा 19 कंपनियों ने भारत के किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है साथ में उन्होंने यह भी कहा , ” हम संबंधित विभागों और एजेंसियों के साथ मिलकर कंपनियों को एक्सपोर्ट नियमों के बारे में जागरूक करने का काम कर रहे हैं फिलहाल हमारी कोई भी कंपनियां UNSC के नियमों का उल्लंघन नहीं कर रही है।”
अमेरिका ने कुल कितने देश की कंपनियों को प्रतिबंधित किया है ?
दरअसल ऐसा नहीं है कि अमेरिका सिर्फ भारत की कंपनियों को प्रतिबंधित किया है इसके अलावा वह रूस, चीन, मलेशिया, थाईलैंड, तुर्की, और संयुक्त अरब अमीरात जैसे अनेक देश की कंपनियां में से लगभग 398 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध लगाते हुए अमेरिका ने कहा कि यह कंपनी फरवरी 2022 से शुरू रूस यूक्रेन युद्ध में यह सारी कंपनियां रूस के तरफ सहारा दे रही थी तथा रूस में डिफेंस के समान इसी कंपनियां की सहायता से पहुंच रही थे।
अमेरिका ने कहा कि ज्यादातर कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सप्लायर है जबकि कुछ कंपनियां विमान के पुर्जे मशीन टूल्स आदि भी सप्लाई करती है हालांकि भारत के मामले में यह दूसरी है। अमेरिकन एक फरमान जारी कर कहा कि यह प्रतिबंध हमने नहीं बल्कि हमारे विदेश ट्रेजरी और वाणिज्य विभाग ने लगाए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने रूसी रक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों और रक्षा कंपनियों पर राजनीतिक प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। उनके मुताबिक इस प्रतिबंध का उद्देश्य तीसरे पक्ष के देशों को सजा देना है।
भारत के किस कंपनी पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है ?
दोस्तों फिलहाल अमेरिका के विभाग ने कुल 120 कंपनियों की लिस्ट तैयार की थी। इनमें भारत की 19 कंपनियों का लिस्ट निम्नलिखित इस प्रकार है-
अमेरिका ने भारत को 19 कंपनियों पर बैन लगाया –
एसेंड एविएशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड | मास्क ट्रांस |
TSMD ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड | फुट्रेवो |
अबहार टेक्नोलॉजीज एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड | डेनवास सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड |
गैलेक्सी बियरिंग्स लिमिटेड | EMSY टेक |
KDG इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड | इनोवियो वेंचर्स |
खुशबू ऑनिंग प्राइवेट लिमिटेड | लोकेश मशीन्स लिमिटेड |
ऑर्बिट फिनट्रेड एलएलपी | पॉइंटर इलेक्ट्रॉनिक्स |
RRG इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड | शार्पलाइन ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड |
शौर्य एयरोनॉटिक्स प्राइवेट लिमिटेड | श्रीजी इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड |
श्रेया लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड |
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प्रतिबंध का असर क्या होगा ? क्या यह कंपनी भविष्य में लेनदेन नहीं कर पाएगी ?
दोस्तों कुछ जानकारी की माने तो, वैसे कंपनियां जिसे प्रतिबंधित किया गया है वह स्विफ्ट बैंकिंग सिस्टम में ब्लैक लिस्ट कर दिए जाते हैं। जिसके कारण यह कंपनी उसे देश में अपना कारोबार नहीं कर पाती है। अर्थात अभी अमेरिका ने इसे प्रतिबंधित किया है तो अमेरिका में यह कारोबार नहीं कर पाएंगे और उनकी सारी संपत्ति अमेरिका फ्रिज भी कर सकता है।
अमेरिका ने भारतीय कंपनी को क्यों प्रतिबंधित किया ?
दोस्तों दरअसल अमेरिका चाहता है कि किसी भी तरीके से रस कमजोर हो और वह यूक्रेन से हार जाए। अमेरिका हमेशा चाहता है कि रूस की अर्थव्यवस्था की कमर को तोड़ दिया जाए और वैसे देश जो रस की सहायता कर रहे हैं। अमेरिका उसे पर लगाम लगाने तुरंत आ जाता है, हालांकि इस कदम से भारत और अमेरिका के संबंधों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि दोनों देशों के बीच पहले से ही अच्छे संबंध है।
ऐसा पहली बार नहीं है कि अमेरिका ने भारतीय कंपनियों को प्रतिबंधित किया है इससे पहले वह साल 2023 में एक भारतीय कंपनी को रूसी सेना को मदद करने के आरोप में प्रतिबंधित किया था।