आचार्य किशोर कुणाल महावीर मंदिर न्यास के सचिव और अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थाथपक में से एक थे। आचार्य कुणाल किशोर पूर्व में बिहार सरकार में आईपीएस के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। वे गुजरात कैडर के आईपीएस थे। किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था।
उन्होंने अपनी स्कूलिंग मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव से की। 20 साल बाद, उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से इतिहास और संस्कृत में ग्रेजुएशन किया। वे 1972 में गुजरात कैडर से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी बने और आनंद के पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात हुए। वहां से वे 1978 में अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बने
आईपीएस किशोर कुणाल से आचार्य किशोर कुणाल कैसे बने ?
दोस्तों आईपीएस की सेवा से रिटायर होने के बाद किशोर कुणाल समाज सेवा के कार्यों पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिए। हालांकि एक आईपीएस अधिकारी के रूप में कुणाल पहले से ही धार्मिक कार्यों में शामिल थे। परंतु जब साल 2000 में पुलिस में रिटायर होने के बाद उन्होंने के स्टडी संस्कृत यूनिवर्सिटी दरभंगा के कुलपति का पद संभाला। 2004 तक वह इस पद पर बने रहे।
उसके बाद वह बिहार राज धार्मिक न्यास बोर्ड(BSBRT) के प्रशंसक बने और प्रचलित जातिवादी धार्मिक प्रथाओं में सुधार की शुरुआत की।
और इस प्रकार धीरे-धीरे वह धर्म में ज्यादा रुचि लेना प्रारंभ करती है और धार्मिक रूप से समाज सेवा के कार्यों में अपना योगदान देने प्रारंभ कर दिए।
अभी महावीर मंदिर की संपत्ति क्या है तथा कितने स्कूल कॉलेज और हॉस्पिटल इनके नाम चल रहे हैं ?
दोस्तों महावीर मंदिर न्यास बोर्ड पटना के तरफ से कई स्कूलों तथा अस्पताल ले चल रही है। पटना महावीर मंदिर के तरफ से कैंसर का अस्पताल चल रहा है जो की पटना में ही स्थित है वहां गरीबों की कैंसर की लाज बिल्कुल मुफ्त में होती है।
आचार्य किशोर कुणाल के निधन के बाद कई राजनेताओं ने जताया शोक।
बिहार के उपमुख्यमंत्री रहे सम्राट चौधरी ने समाज सेवी महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल के निधन पर शोक संवेदनाएं व्यक्त की है।
अपनी किताब में कई खुलासे किए
किशोर कुणाल ने अपनी किताब दमन तक्षकों में कई खुलासे किए थे। बिहार में चर्चित बॉबी हत्याकांड का जिक्र करते हुए किशोर कुणाल ने अपनी किताब में लिखा था कि गड़े हुए मुर्दे को भी निकाल कर जांच की गई थी। 15 दिनों तक उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा और तो वह पटना के महावीर मंदिर में आकर बैठ गए, लेकिन, अगले 3 दिनों में ही वह इस घटना में सफलता मिली लेकिन जांच को सीबीआई को सौंप दिया गया था।
किशोर कुणाल लिखते हैं कि इस मामले में कई सफेदपोशों को यह डर था उनका चरित्र जनता के बीच उजागर हो जाएगा इसलिए 40 विधायक 2 मंत्रियों ने मिल कर इस केस की जांच सीबीआई को दिलवा दी।
पटना महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल जी का हृदयाघात से निधन की खबर अत्यंत ही दुःखद है। किशोर कुणाल जी की धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में महती भूमिका रही है। उनकी विदाई से बिहार को गहरा आघात लगा है।
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