दोस्तों हम सभी गांधी के बारे में बहुत कुछ जानते और समझते हैं , इसमें कोई दो मत नहीं है परंतु इनकी विचारधारा क्या थी शायद हमसे कोई एकात जानता हो। हम सभी के पास इसका जवाब नहीं है इसकी आखिर गॉडसे ने गांधी को क्यों मारा। क्या गांधी का संबंध कई स्त्रियों से था। क्या गांधी की हत्या प्रेम प्रसंग के कारण हुई।
गांधी पाकिस्तान बटवारा के समर्थक थे
इस सवाल का जवाब सभी लोग अपनेे-अपने फायदे के लिए देते हैं कोई कहता है ये पाकिस्तान बंटवारे के समर्थक थे तो कोई कहता है ये अली जिन्ना से घुस लिए हुए थे तो वही दलित वर्ग अपना तर्क देते हैं कि गांधी दलित विरोधी थे इसलिए बाबा भीमराव अंबेडकर को बंगाल चुनाव से हरवा दिया था जिसके कारण दुबारा भीम राम अंबेडकर को मुस्लिम लीग का सहारा लेना पड़ा था
गांधी पर लगाया गया झूठा आरोप
आखिर क्या है इन सब बातों की सच्चाई आखिर गांधी कौन थे और वे क्या चाहते थे । देश की आजादी में और भी कई महापुरुष ने अपना सब कुछ निछावर कर दिया है परंतु भारतीय नोटों पर गांधी को ही दर्जा क्यों दिया गया।
कैसे फेमस वो विदेशों में गांधी
दोस्तों जब ये वीडियो में सूट कर रहा था तो समय फ्री दुनिया में गांधी के नाम का डंका बज रहा था क्योंकि इसी दिन यानी 2 अक्टूबर के दिन ही गांधीजी का जन्म हुआ था और हमारे गांधी हमास के लीडर जैसा नहीं थे जिसे केवल पाकिस्तान ईरान अफगानिस्तान ही जानता हो। बल्कि हमारे गांधी को हर देश अपना दूतावास में तस्वीर लगा कर पूजते हैं यही नहीं दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में से एक अमेरिका के वाइट हॉर्स में गांधी की प्रतिमा लगी हुई है।
महात्मा गांधी एक कातिल थे
दोस्तों जिस गांधी की हत्या क्या कर रहे हैं वह गांधी हमारे देश के लिए इतने महान थे परंतु यह दुर्भाग्य की हर नागरिक गांधी को अच्छा से नहीं जानता है हमारे यह परम कर्तव्य है कि हमारे जेब में हमेशा रहने वाले गांधी के बारे में एक बार जरुर जाने कि उनकी विचारधारा क्या थी ?
तो हर बार की तरह आइए कहानी को शुरू से शुरु करते हैं उसे पहले मैं अपना परिचय आपको दूं दोस्तो मेरा नाम अमित राज अमृत है और आप मुझे गांधी की विचारधारा बताने का अवसर प्रदान रहे हैं आपकी मासूमियत पिया कह रही है कि अभी तक आपने इस वीडियो को लाइक नहीं किया है।
महात्मा गांधी से पहले अंग्रेजी इंडिया कंपनी
दोस्तों हमारे यहां अंग्रेजी यानी ब्रिटिश स्टडी या कंपनी के 30 दिसंबर सन 1600ईस्वी को हीं आ गई थी। और धीरे-धीरे अंग्रेजों ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए पहले तो उन्होंने पलासी के युद्ध में सिराजुद्दौला को हराया तथा बाद में बक्सर के युद्ध में मीर कासिम को हराया जो कि बंगाल का पूर्व नवाब था साथ में उन्होंने अवध तथा दिल्ली के नवाबों को भी हराया।
बक्सर के युद्ध के पश्चात मुगल बादशाह शाह आलम II से जबरन संधि की गई इस संधि के अनुसार अंग्रेज पूरे भारत में कर ले सकते थे। दोस्तों यही से अंग्रेजों का मनोबल अपने चरम सीमा पर जा पहुंचा और वह धीरे धीरे पूरे भारत को अपने कब्जे में लेते चले गए। दोस्तों इस समय तक गांधी दुनिया में नहीं थे अर्थात गांधी जी का जन्म नहीं हुआ था।
गांधी से पहले ही क्रांति इसमें जली आजादी के मसाल
गांधीजी के जन्म से पूर्व भारत में एक महान क्रांति हुई थी जो कि भारत के आजादी को लेकर हुए थी । हमारा इतिहास उसे 1857 की क्रांति के नाम से जानता है। दोस्तों निराश मत होना मैं यह कतई चर्चा नहीं करने वाला हूं कि गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक जगह पर हुआ मैं अच्छी तरह से जानता हूं कि ये बेसिक बातें आपको आती है मैं सिर्फ गांधी के विचार धारा पर चर्चा करूंगा।
तो हम लोग यहां थे कि गांधी का जन्म जब हुआ उस समय तक अंग्रेज मजबूती से भारत को गुलाम की हुए थे दोस्तों गांधीजी के पिता गुजरात के थे और आपको भी पता है कि गुजराती का दिमाग कैसा होता है वे लोग हमेशा व्यापार में घाटे और मुनाफे को देखते हैं और गांधीजी के पिता भी कुछ इस प्रकार से ही थे।
महात्मा गांधी के पिता
शुरुआत में गांधीजी के पिता को कोई मतलब नहीं था कि देश में क्या हो रहा है वह बस किसी भी तरह से दौड़ धुप लगाकर अंग्रेजों के यहां दीवान के काम वाली नौकरी प्राप्त करना चाहते थे और इस में वे सफल भी हुए।
अब आपको भी पता है कि अगर कोई सरकारी आदमी राजस्व विभाग में होता है तो उसकी कमाई कितनी होती है उसका सैलरी से 10 गुणा ज्यादा उसका other sources से इनकम होता है और बस गांधीजी के पिता का भी यही हाल था।
महात्मा गांधी कितने अमीर थे
और उनके पिता जी का तो मौज ही मौज था चुकी अंग्रेज डायरेक्ट भारतीयों के पास नहीं जाते थे और ना ही भारतीयों की भाषा आसानी से पकड़ पाते थे इस मजबूरी का फायदा भारतीय कर्मचारी जमकर उठा देते हैं और मोटी रकम बचा लेते थे और इस तरह से धीरे-धीरे कुछ बिचौलीए और भी मजबूत होते चले गए और भारत में उच्च नीच का भेद भाव सबसे ज्यादा अंग्रेजों के समय ही देखा गया।
दोस्तों कुल मिलाकर कहा जाए तो गांधीजी के पिता के पास पैसों की कोई दिक्कत नहीं थी तभी तो वह अपने बेटे को अर्थात गांधी जी को पढ़ाई करने के लिए लंदन में भेज देते हैं
यार अभी चीजें इतनी आसान हो गई है कांपटीशन के चलते लंदन का किराया भी कम हो गया है फिर भी हम में से किसी को इतनी छमता नहीं है कि हमलोग लंदन में 2-4 साल रहकर रहकर तो छोड़ दीजिए टूरिस्ट वीजा पर भी नहीं जा सकते हैं क्योंकि हमारी आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं परंतु उस समय गांधीजी लंदन पढ़ने जाते हैं इसका मतलब है कि यह बहुत अमीर परिवार के लड़के थे।
जरा सोचिए गांधी के पिता कितने अमीर थे उन्होंने अपने बेटे को पढ़ने के लिए लंदन भेजा दोस्तों इसका मतलब है गांधी जी के पिता के पास अपार संपत्ति थी वे चाहते तो गांधीजी से फैक्ट्री भी चलवा सकते थे । गांधीजी की चाहते हैं तो वह ऐसा कर सकता थे परंतु उन्होनें एक डंडा और एक धोती पर पूरा जीवन निछावर कर दिया
देश के लिए ऐसे महान आत्मा बहुत कम मिलते हैं और हमें गर्व होना चाहिए कि गांधी का जन्म भारत में हुआ तो गांधी के लिए दिल से कमेंट में I am proud of you गांधीजी जरुर लिखें।
दोस्तों आज के इस दौर में लोग गांधी को गालियां देते हैं उन्हें कोसते हैं कहते हैं कि गांधी चाहते तो भगत सिंह की फांसी को रुकवा सकते थे परंतु उन्होनें ऐसा नहीं किया वे चाहते तो भारत पाकिस्तान के बंटवारे को रोक सकते थे पर्नतु उन्होंने ऐसा भी नहीं किया
भारत पाकिस्तान युद्ध का कारण
दोस्तों भारत पाकिस्तान के बंटवारे कि दिन खून की होलीयां खेलि गई थी उस दिन लाखों लोगों की हत्या हुई थी लोग एक दूसरे का खून के प्यासे हो गए थे और सभी लोगों सभी लोग इसका जिम्मेवार गांधी को ही मानते हैं लोग बोलते हैं कि गांधी कातील है।
लेकिन इन सबका पक्ष बिल्कुल सही नहीं है मेरे भाई चुकी मैं गांधी और इरविन के बीच हुई पत्राचार को बहुत अच्छे से पढ़ा हूं मैं चाहता तो गांधी इरविन के बीच हुई पत्राचार का पूरा इतिहास आपको बताता परंतु इससे वीडियो का समय सीमा में इजाफा हो जाएगा अगर आप कमेंट में कहें तुम्हें एक नया video लाकर गांधी और इरविन के बीच हुई बातचीत का पत्राचार को आपके सामने प्रस्तुत कर सकता हूं कि गांधी ने क्या कहा था भगत सिंह को लेकर के।
दोस्तों जैसा कि मैंने पहले ही बताया कि गांधी के पास पैसों की कमी नहीं थी वे चाहते तो आराम से अपने गृह जिंदगी में व्यस्त हो सकते थे परंतु उन्होनें अपने परिवार को पीछे और अपने देश को आगे रहकर नागरिकों की प्राथमिकता को समझाया।
दोस्तों गांधी के पहला विचार सत्याग्रह । सत्याग्रह का अर्थ होता है सत्य के लिए आग्रह अर्थात गांधीजी कहना चाहते थे कि अगर कोई आप से कुछ गलत करता है तो आप उसके लिए विनम्र होकर उनसे विनती कर सकते हैं आप कुछ ऐसा कर दें ताकि सामने वाले का दिल में परिवर्तन हो जाए अर्थात गांधी ह्रदय परिवर्तन पर विश्वास करते थे।
और गांधी का दितीय विचार सर्वोदय था अर्थात सभी लोगों का उदय गांधीजी चाहते थे कि समाज के वे सभी वर्ग सम्मिलित तरफ से विकास में भाग ले सकें गांधीजी किसी भी समाज को बिछड़ता देख दुखी हो जाते थे।
गांधीजी ने भीम राम अंबेडकर को क्यों हरवाया था
और कई लोग अकलंक लगाते हैं कि गांधी ने अंबेडकर को साजिश के तहत भरवाया था तो यह बिल्कुल गलत मेरे भाई चुके वही गांधी के कहने पर पूणा सीट जीते हुए कैंडिडेट ने खाली कर दिया था और उस पर पुणे चुना हुआ जिस पर भीम राम अंबेडकर जीत का संविधान सभा में जाते हैं तो यह दिखाना उचित नहीं है कि गांधी दलित विरोधी थे चुकी गांधी के वजह से ही आज भीम राम अंबेडकर संविधान सभा में एक पाए थे
दोस्तो कई लोग गांधी को लेकर सक करते हैं कि वे बहुत स्त्रियों से संबंध रखते थे यह सारी चीजें बिल्कुल अफवाह है और गांधी के इमेज को बर्बाद करने की एक साजिश है दोस्तों ऐसी अफवाह बातें जहां कहे भी आपको कुछ सुनाई दे तो तुरंत उसका विरोध करें।
गांधी को गॉडसे ने क्यों मारा
गांधी को गॉडसे ने क्यों मारा ईसपर डिबेट जारी रहेगा चुकी यह एक लंबा वाक्या है जिसे हम अगले एपिसोड में कवर करेंगे। इसलिए गांधी के खिलाफ मन में चल रहे विचारधारा को वहीं समाप्त कर देने में ही हमारा और आने वाले पीढ़ियों के लिए अच्छा मैसेज रहेगा ।